ईद मिलाद-उन-नबी, जिसे बारावफात भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दिन इस्लाम के पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो पूरे संसार के लिए शांति, मुहब्बत और इंसानियत का पैगाम लेकर आए थे। इस मौके पर देशभर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, और लोग शायरी के ज़रिये अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का मेलजोल देखने को मिलता है। ईद मिलाद-उन-नबी का यह त्योहार भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है। इस अवसर पर शायर अपनी भावनाओं को शायरी के माध्यम से व्यक्त करते हैं, जो दिल से निकल कर दूसरों के दिलों तक पहुंचती है। आइए इस शुभ अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी से जुड़ी कुछ खास शायरी और उनका महत्व जानते हैं।
ईद मिलाद-उन-नबी का महत्व
ईद मिलाद-उन-नबी का जश्न पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन की याद में मनाया जाता है। मोहम्मद साहब ने अपने पूरे जीवन में सच्चाई, ईमानदारी, और मुहब्बत की तालीम दी। उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है और उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धा और आदर के साथ याद करते हैं। इस दिन मस्जिदों में विशेष नमाज़ अदा की जाती है, नबी की सीरत (जीवनी) को याद किया जाता है, और जुलूस निकाले जाते हैं।
इसके अलावा, लोग शायरी के माध्यम से मोहम्मद साहब की शिक्षाओं और उनके जीवन के पहलुओं पर रौशनी डालते हैं। शायरी एक ऐसा जरिया है जिससे लोग अपनी भावनाओं को खूबसूरत अल्फाज़ में बयां कर सकते हैं। इस त्योहार पर शायराना अंदाज़ में मोहम्मद साहब की तारीफ और उनके प्रति सम्मान प्रकट करना आम बात है।
ईद मिलाद-उन-नबी की शायरी: मुहब्बत और शांति का पैगाम
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शायरी एक ऐसा माध्यम है जो दिलों को छू जाता है और भावनाओं को एक नई ऊंचाई देता है। ईद मिलाद-उन-नबी पर पढ़ी जाने वाली शायरी सिर्फ मोहम्मद साहब की तारीफ तक सीमित नहीं होती, बल्कि उनके संदेश और तालीमात को भी बयां करती है। आइए कुछ दिल को छू लेने वाली शायरी पर नज़र डालें, जो इस खास मौके पर पढ़ी जाती हैं:
1. पैग़ाम-ए-मोहम्मद
“मोहब्बत का पैगाम देकर आए हैं नबी,
नफ़रत मिटाने के लिए भेजे गए हैं नबी,
जहां में फैलाई है उन्होंने रोशनी,
अंधेरों में उम्मीद की लौ बनकर आए हैं नबी।”
यह शायरी पैगंबर मोहम्मद साहब के उस संदेश को व्यक्त करती है जो उन्होंने पूरी दुनिया को दिया। उन्होंने इंसानियत को मुहब्बत और शांति का रास्ता दिखाया, जो आज भी हमें सिखाता है कि नफ़रत को खत्म करके एक बेहतर समाज बनाया जा सकता है।
2. मोहम्मद का नाम
“दिल से जो मांगा उसे मिल गया,
मोहम्मद का नाम लेकर दुआ मिल गई,
आसमान का सितारा, जमीन की रोशनी,
मोहम्मद के कदमों में जन्नत मिल गई।”
यह शायरी पैगंबर मोहम्मद के प्रति अटूट श्रद्धा और सम्मान को दर्शाती है। मुसलमान मानते हैं कि मोहम्मद साहब के नाम से हर मुश्किल हल हो जाती है और हर दुआ कबूल होती है।
3. रहमत-ए-नबी
“हर दिन है खुशी का, जब रहमत-ए-नबी है,
जिंदगी रोशन है, जब साथ मोहम्मद की तालीम है,
हर सूबा सजे, हर शाम हो रौशन,
जिस दिल में मुहम्मद का नाम है।”
यह शायरी मोहम्मद साहब की रहमत और उनकी तालीमात की अहमियत को बताती है। उनकी शिक्षा ने अनगिनत लोगों की जिंदगियों को रोशन किया और उन्हें सही रास्ता दिखाया।
4. ईद मिलाद-उन-नबी पर मुबारकबाद
“खुशियां लेकर आई है ईद मिलाद-उन-नबी,
जहां में रौशनी लेकर आए हैं नबी,
मुबारक हो आपको ये पवित्र दिन,
जिस दिन खुदा के नबी दुनिया में आए।”
यह शायरी ईद मिलाद-उन-नबी की खुशी को जाहिर करती है और इस दिन को मुबारक बताते हुए लोगों को शुभकामनाएं देती है।
5. नबी की रहमत
“नबी की रहमत से है ये आलम रोशन,
उनके नक्श-ए-कदम पर चलती है हर एक रौशनी,
रब की रहमत से सजी है ये दुनिया,
मुहम्मद की तालीम से महकती है हर गली।”
यह शायरी पैगंबर मोहम्मद की रहमत और उनके नक्श-ए-कदम पर चलने की अहमियत को दर्शाती है। उनकी तालीम आज भी इंसानियत के लिए मशाल की तरह है।
ईद मिलाद-उन-नबी शायरी | shayari on eid milad un nabi
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- “ईद-ए-मिलाद का दिन है आया,
हर दिल में मुहम्मद का नाम समाया।
उनकी रहमत से हैं हम रोशन,
मुबारक हो जश्न-ए-मिलाद का साया।” - “पैगंबर की रहमत से मिला सब कुछ,
उनकी दुआओं से मिटा हर दुःख।
जश्न-ए-मिलाद की रोशनी फैलाओ,
हर दिल में मुहम्मद का नूर सजाओ।”
मदीना शायरी इन हिंदी
- “दिल करता है मदीने की गलियों में खो जाऊं,
पैगंबर की रहमत के साए में सो जाऊं।
हर सांस में हो मदीने का नाम,
जश्न-ए-मिलाद की खुशी से दिल भर जाऊं।” - “चले आओ मदीने की राह पर,
पैगंबर की रहमत मिलेगी वहां पर।
जो पहुंचेगा नबी के दरबार,
मिलेगी उसे सुकून की बहार।”
खुदा की रहमत पर शायरी
- “खुदा की रहमत से है सारा जहां रोशन,
उसकी दुआओं से कट जाते हैं सारे बंधन।” - “खुदा की रहमत का साया रहे हर दम,
दुआ है कि रहे हर एक पर उसका करम।”
नबी की शायरी इन हिंदी 2 Line
- “नबी का नाम है सुकून की दुआ,
उनकी रहमत में बसी है हर जफा।” - “मुहम्मद की मोहब्बत का है असर,
हर दिल में बसता है उनका सफर।”
मुस्लिम शायरी इन हिंदी
- “इस्लाम की राह पर चलो सदा,
सच्चाई और ईमान से मिलती है खुदा की दुआ।” - “मुसलमान वही जो हर बुराई से दूर रहे,
अल्लाह के हुक्म को दिल से कुबूल करे।”
इस्लामिक शायरी हिंदी
- “अल्लाह की रहमत का दर खुला रहे,
हर दिल को उसके सिवा कुछ न रहे।” - “इस्लाम का पैगाम है सच्चाई और प्यार,
मुहम्मद की रहमत में बसी है ये बहार।”
Shayari Eid Milad-un-Nabi
- “ईद-ए-मिलाद का दिन है खास,
नबी की दुआओं से रोशन है हर सांस।” - “मुहम्मद की रहमत से भरा है जहां,
ईद मिलाद-उन-नबी की मुबारक हो यहां।”
Shayari on Eid Milad-un-Nabi
- “पैगंबर की याद में झुकता है सिर,
उनकी रहमत से चमकता है हर दिल।” - “जश्न-ए-मिलाद पर है नबी का नाम,
हर तरफ फैला है उनका पैगाम।”
नबी की शायरी इन हिंदी | shayari on eid milad un nabi in Hindi
- “मुहम्मद का नाम है हर दुआ में,
उनकी रहमत छुपी है हर हवा में।” - “नबी का जश्न है, दिल में नूर है,
उनकी मोहब्बत से रोशन ये जहां भरपूर है।”
ईद मिलाद-उन-नबी का जश्न: भारत में खास तौर पर मनाया जाता है
भारत में ईद मिलाद-उन-नबी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। विभिन्न शहरों और कस्बों में इस दिन खास आयोजन होते हैं। जुलूस, जलसों और मजलिसों में मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर आधारित प्रवचन दिए जाते हैं। भारत के कई बड़े शहर जैसे लखनऊ, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई आदि में यह जश्न भव्य रूप से मनाया जाता है।
इस दिन लोग अपने घरों और मस्जिदों को सजाते हैं, और मोहम्मद साहब की तारीफ में नात और शेरो-शायरी पढ़ी जाती है। इसके साथ ही, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग खाने-पीने की चीजें, कपड़े और अन्य आवश्यक सामान बांटते हैं ताकि हर कोई इस खुशी के मौके पर हिस्सा ले सके।
नबी के नक्श-ए-कदम पर चलने की प्रेरणा
ईद मिलाद-उन-नबी सिर्फ एक जश्न नहीं है, यह हमें प्रेरणा देता है कि हम पैगंबर मोहम्मद साहब के नक्श-ए-कदम पर चलें। उनकी तालीमात को अपनाकर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और समाज को भी बेहतर बना सकते हैं। मोहम्मद साहब ने हमेशा सच्चाई, ईमानदारी, और इंसानियत का संदेश दिया, और यही वजह है कि उन्हें रहमत-उल-आलमीन यानी सारी दुनिया के लिए रहमत कहा जाता है।
निष्कर्ष
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ईद मिलाद-उन-नबी एक ऐसा मौका है जब हम मोहम्मद साहब की तालीमात को याद करते हैं और उनके बताए हुए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं। शायरी इस मौके पर लोगों की भावनाओं को व्यक्त करने का एक खास जरिया बन जाती है। पैगंबर साहब ने जो मुहब्बत, इंसानियत, और शांति का संदेश दिया था, वह आज भी हमारी जिंदगी को नई दिशा देता है।
इस ईद मिलाद-उन-नबी पर, आप भी अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस शायरी को साझा करें और इस मुबारक दिन की खुशियां फैलाएं।