नवरात्रि के नौ रंग (navratri ke nau colour): हर दिन के रंग का महत्व और लाभ

navratri ke nau colour – नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्व में विशेष रूप से नौ दिनों तक व्रत, पूजा और आराधना की जाती है। हर दिन देवी के एक विशेष रूप की पूजा होती है और हर दिन एक विशिष्ट रंग का प्रतीकात्मक महत्व होता है।

यह रंग सिर्फ आस्था और धार्मिक विश्वासों से जुड़े नहीं हैं, बल्कि इनका वैज्ञानिक और मानसिक लाभ भी है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों में कौन सा रंग पहना जाता है, उसके पीछे का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

नवरात्रि के नौ रंगों की सूची | 9 Colours During Navratri

दिनरंगदेवी का स्वरूपरंग का धार्मिक महत्व
पहला दिनपीलाशैलपुत्रीऊर्जा और प्रसन्नता
दूसरा दिनहराब्रह्मचारिणीविकास और समृद्धि
तीसरा दिनग्रेचंद्रघंटाशांति और संतुलन
चौथा दिननारंगीकूष्मांडासकारात्मकता और उत्साह
पांचवां दिनसफेदस्कंदमाताशुद्धता और शांति
छठा दिनलालकात्यायनीसाहस और शक्ति
सातवां दिननीलाकालरात्रिसुरक्षा और आत्मविश्वास
आठवां दिनगुलाबीमहागौरीकरुणा और प्रेम
नौवां दिनबैंगनीसिद्धिदात्रीसफलता और आध्यात्मिकता

पहला दिन – पीला रंग (शैलपुत्री की पूजा)

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू होता है। इस दिन पीला रंग पहनने का रिवाज है, जो जीवन में ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। पीला रंग सकारात्मकता, प्रसन्नता और जीवन में नई शुरुआत का संकेत देता है। इसे धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। पीला रंग मां शैलपुत्री की शांति और करुणा का भी प्रतिनिधित्व करता है।

दूसरा दिन – हरा रंग (ब्रह्मचारिणी की पूजा)

दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तपस्या और संयम की देवी हैं। इस दिन हरा रंग पहनने का विशेष महत्व है। हरा रंग विकास, समृद्धि और प्रकृति का प्रतीक है। इसे धारण करने से शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहता है। यह रंग नई शुरुआत और उन्नति का प्रतीक माना जाता है, जो हमें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए प्रेरित करता है।

तीसरा दिन – ग्रे रंग (चंद्रघंटा की पूजा)

तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो साहस और शक्ति की देवी मानी जाती हैं। इस दिन ग्रे रंग पहनना शुभ माना जाता है, जो शांति और संतुलन का प्रतीक है। ग्रे रंग हमें विपरीत परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता है। यह रंग हमारे जीवन में स्थिरता और विवेक का भी प्रतीक है, जो हमें संयमित और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

चौथा दिन – नारंगी रंग (कूष्मांडा की पूजा)

नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो सृजन और सकारात्मक ऊर्जा की देवी हैं। नारंगी रंग इस दिन का प्रतीक है, जो उल्लास, उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह रंग हमें जीवन में उत्साही रहने और अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है। यह जीवन में नई उर्जा और आत्मविश्वास लाता है।

पांचवां दिन – सफेद रंग (स्कंदमाता की पूजा)

पांचवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा होती है, जो मातृत्व और करुणा की देवी मानी जाती हैं। इस दिन सफेद रंग पहनना शुभ माना जाता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। यह रंग हमें जीवन में शांति और सकारात्मकता की ओर अग्रसर करता है। सफेद रंग हमें आंतरिक शांति और मानसिक शुद्धता प्रदान करता है।

छठा दिन – लाल रंग (कात्यायनी की पूजा)

नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो साहस और शक्ति की देवी हैं। इस दिन लाल रंग पहनने का रिवाज है। लाल रंग शक्ति, साहस और जोश का प्रतीक है। इसे पहनने से जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है और मनोबल ऊंचा रहता है। यह रंग हमें अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।

सातवां दिन – नीला रंग (कालरात्रि की पूजा)

सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती है, जो बुराई का नाश करने वाली देवी मानी जाती हैं। इस दिन नीला रंग पहनना शुभ होता है। नीला रंग आत्मविश्वास, सुरक्षा और शांति का प्रतीक है। यह रंग हमें हमारे जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का आभास कराता है। यह मनोबल को बढ़ाता है और हमें आत्मनिर्भर बनाता है।

आठवां दिन – गुलाबी रंग (महागौरी की पूजा)

आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है, जो करुणा और प्रेम की देवी मानी जाती हैं। इस दिन गुलाबी रंग पहनने का विशेष महत्व है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और स्नेह का प्रतीक है। इसे धारण करने से जीवन में प्रेम और दया का संचार होता है। गुलाबी रंग हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा रखने की प्रेरणा देता है।

नौवां दिन – बैंगनी रंग (सिद्धिदात्री की पूजा)

नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सिद्धियों और आशीर्वादों की देवी हैं। इस दिन बैंगनी रंग पहनना शुभ होता है, जो आध्यात्मिकता और सफलता का प्रतीक है। बैंगनी रंग हमें हमारे जीवन में ध्यान और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करता है। यह रंग हमें मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।


नवरात्रि में रंगों का वैज्ञानिक और मानसिक लाभ

नवरात्रि के नौ रंग न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनके वैज्ञानिक और मानसिक लाभ भी हैं। रंगों का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हर दिन के अनुसार अलग-अलग रंग धारण करने से हमारे मन और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह हमें जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

निष्कर्ष

नवरात्रि के नौ दिनों में रंगों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व गहरा है। ये रंग न केवल हमारे आध्यात्मिक जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। नवरात्रि के हर दिन के रंग को धारण करके हम न केवल देवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं।

नवरात्रि के रंगों का महत्व समझकर, आप इस पर्व को और अधिक उल्लास और श्रद्धा के साथ मना सकते हैं। हर दिन का रंग धारण कर, देवी की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें और जीवन में शांति, प्रेम और समृद्धि को आमंत्रित करें।

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