विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र: कार्य में सफलता और समृद्धि के लिए शक्तिशाली मंत्र | vishwakarma Puja Mantra

विश्वकर्मा भगवान को विश्व के सृष्टिकर्ता, निर्माण और वास्तुकला के देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में उन्हें विशेष रूप से इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स, और शिल्पकारों का देवता माना गया है। विश्वकर्मा पूजा का दिन उनके आदर में मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने उपकरणों, औजारों, और मशीनों की पूजा करते हैं। इस दिन को विशेष महत्व प्राप्त है, खासकर उन लोगों के लिए जो निर्माण और तकनीकी क्षेत्रों में काम करते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र के बारे में।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा भगवान को शिल्पकला, निर्माण और यांत्रिकी के प्रतीक रूप में पूजा जाता है। यह पूजा विशेष रूप से शिल्पकारों, इंजीनियरों, कलाकारों, और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह पूजा उनकी शिल्पकला और निर्माण में उन्नति की प्रार्थना करने के लिए की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कार्यक्षेत्र में सफलता और समृद्धि मिलती है।

विश्वकर्मा स्तुति मंत्र | vishwakarma mantra

विश्वकर्मा स्तुति मंत्र भगवान विश्वकर्मा की प्रशंसा में गाया जाने वाला एक मंत्र है। इसका उच्चारण उनके आशीर्वाद के लिए किया जाता है ताकि निर्माण कार्यों में कोई विघ्न न आए। इस मंत्र का पाठ करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के निर्माण कार्यों में सफलता मिलती है।

स्तुति मंत्र:

“नमस्ते विश्वकर्माय, त्वमेव कर्तृता सदा।
शिल्पं विधाय सर्वत्र, त्वं विश्वेशो नमो नमः।।”

 vishwakarma mantra

इस मंत्र में भगवान विश्वकर्मा की प्रशंसा करते हुए उन्हें समर्पित किया जाता है कि वे सृष्टि के कर्ता हैं, और वे समस्त शिल्पकला और निर्माण के देवता हैं। इस मंत्र का उच्चारण करने से भक्तों को कार्य में शांति और संतोष मिलता है।

विश्वकर्मा पूजा मंत्र | vishwakarma puja mantra

विश्वकर्मा पूजा मंत्र विशेष रूप से उस समय प्रयोग किया जाता है जब हम भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर रहे होते हैं। इस मंत्र का उद्देश्य भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करना और यह प्रार्थना करना होता है कि उनके संरक्षण में सभी निर्माण कार्य सफलता से संपन्न हों। यह मंत्र भगवान विश्वकर्मा की शक्ति और उनके द्वारा की गई महान रचनाओं की स्तुति करता है।

पूजा मंत्र:

“ॐ आधार शक्तपे नमः,
ॐ कूमयि नमः,
ॐ अनंतम नमः,
ॐ पृथिव्यै नमः,
ॐ विश्वकर्मणे नमः।।”

इस मंत्र का उच्चारण पूजा के दौरान विशेष रूप से किया जाता है। यह मंत्र पवित्रता और भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इसमें भगवान की आधारशक्ति, अनंतता और उनकी महानता की सराहना की जाती है।

विश्वकर्मा महामंत्र

विश्वकर्मा महामंत्र को भगवान विश्वकर्मा की महिमा और उनके सृजनात्मक कार्यों की अभिव्यक्ति के रूप में जाना जाता है। इस महामंत्र के उच्चारण से व्यक्ति अपने जीवन और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा और प्रगति का अनुभव करता है। यह महामंत्र भगवान की स्तुति और उनसे मार्गदर्शन की प्रार्थना करने के लिए जप किया जाता है।

महामंत्र:

“ॐ विश्वकर्मण नमस्तुभ्यं विश्वसर्जनकारक।
भवस्य सर्वधात्री त्वं पूजां मे प्रतिगृह्यताम्।।”

यह महामंत्र विश्वकर्मा भगवान की महिमा का गुणगान करता है और उनसे जीवन के प्रत्येक पहलू में सफलता और समृद्धि की प्रार्थना करता है। इसके नियमित उच्चारण से व्यक्ति को आत्मविश्वास, ऊर्जा और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

विश्वकर्मा पूजा विधि

भगवान विश्वकर्मा की पूजा सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। यहां विश्वकर्मा पूजा की विधि दी गई है:

  1. स्नान एवं शुद्धिकरण: सबसे पहले स्नान करें और अपने शरीर और मन को शुद्ध करें। इसके बाद पूजा स्थान को गंगा जल से शुद्ध करें।
  2. मूर्ति या चित्र की स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. पूजन सामग्री: पूजा के लिए धूप, दीप, फूल, चावल, जल, फल, मिठाई, और भगवान के लिए नया वस्त्र अर्पित करें।
  4. मंत्र उच्चारण: विश्वकर्मा पूजा मंत्र और स्तुति मंत्र का उच्चारण करें। मंत्रों का सही उच्चारण और ध्यान भगवान की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
  5. हवन: अगर संभव हो तो हवन करें। हवन में अग्नि देवता को आहुति अर्पित करें और भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान को अर्पित प्रसाद को सभी भक्तों में बांटें।

विश्वकर्मा पूजा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

हालांकि विश्वकर्मा पूजा एक धार्मिक अनुष्ठान है, इसके पीछे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। इस दिन लोग अपने कार्यस्थलों, औजारों, और मशीनों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें ठीक करने का कार्य करते हैं। यह एक प्रकार से उपकरणों की मेंटेनेंस और देखभाल का दिन होता है। तकनीकी और निर्माण कार्यों में शुद्धता और शांति बनाए रखना इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विश्वकर्मा पूजा के लाभ

  1. सफलता और समृद्धि: इस पूजा के माध्यम से कार्यक्षेत्र में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  2. मन की शांति: भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यक्ति के मन में शांति और संतुलन का विकास होता है।
  3. कार्य में निपुणता: इस पूजा के बाद व्यक्ति अपने कार्य में अधिक कुशल और ध्यानपूर्ण होता है।
  4. नेगेटिव ऊर्जा से मुक्ति: पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने चारों ओर की नेगेटिव ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
  5. परिवार और समाज में शांति: इस पूजा से न केवल व्यक्ति को बल्कि उसके परिवार और समाज को भी शांति और समृद्धि का अनुभव होता है।

विश्वकर्मा पूजा का इतिहास और मान्यता

विश्वकर्मा पूजा का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है। भगवान विश्वकर्मा को सर्वप्रथम सृष्टि की रचना करने वाला माना जाता है। उनके द्वारा निर्मित स्वर्गलोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, और इंद्रप्रस्थ जैसे अद्वितीय रचनाएं भारतीय संस्कृति और पुराणों में प्रसिद्ध हैं। उनकी पूजा का आयोजन खासकर उन स्थानों पर किया जाता है जहां निर्माण और शिल्प का कार्य होता है।

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निष्कर्ष

भगवान विश्वकर्मा की पूजा शिल्पकारों, इंजीनियरों, और अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र, और महामंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति, शांति, और समृद्धि की ओर अग्रसर होता है।

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