मुख्यमंत्री सैनी का ऐलान: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को मासिक न्यूनतम शुल्क से मुक्ति, खपत के आधार पर बिल

हरियाणा सरकार ने तकरीबन 9.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी है। सरकार ने 2 किलोवाट तक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए मासिक शुल्क माफ करने का फैसला किया है। हरियाणा सरकार प्रति 1 किलोवाट तक के कनेक्शन पर 115 रुपये मासिक शुल्क लेती थी, लेकिन वर्ष 2024 के बजट में इस कटौती की घोषणा की गई थी। अब सरकार ने इस घोषणा को लागू करने का फैसला किया है, जिसके अनुसार अगले बिल में मासिक शुल्क शामिल नहीं किया जाएगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए मासिक न्यूनतम शुल्क को समाप्त कर दिया है और अब बिजली बिल उपभोक्ताओं के खपत की गई यूनिट की संख्या के आधार पर बनेगा।मुख्यमंत्री के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब से राज्य के नागरिकों को केवल खपत की गई बिजली की यूनिट की संख्या के आधार पर बिल प्राप्त होगा, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। सैनी ने अंबाला में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है।

इस योजना के तहत, जिन गरीब परिवारों की वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से कम है, उन्हें रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 60,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा भी 50,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। सैनी ने बताया कि रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने की लागत 1,10,000 रुपये है, लेकिन उपभोक्ता को इसमें किसी भी प्रकार का खर्चा नहीं करना पड़ेगा।

विशेष रूप से हिसार के खेड़ा में, सैनी ने राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट में 7,250 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की अतिरिक्त अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट की घोषणा की।इसी तरह, जिन परिवारों की वार्षिक आय 1,80,000 से 3 लाख रुपये के बीच है, उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 60,000 रुपये और राज्य सरकार द्वारा 20,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या से इस योजना की शुरुआत की थी और अब इसे हरियाणा में लागू किया जा रहा है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली के मुद्दों पर राजनीति करने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि एक (राजनीतिक) दल बिजली बिल न भरने के लिए लोगों से कहता था और जब वे सत्ता में आएंगे तो वो बकाया राशि माफ कर देंगे। दूसरे दल ने चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति का वादा करके वोट मांगा।

Conclusion:-

हरियाणा सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को मासिक शुल्क से मुक्ति देने का फैसला किया है। अब बिजली बिल उनकी खपत की गई यूनिटों के आधार पर बनेगा। मुख्यमंत्री ने इसे बड़ी राहत बताया और यह योजना गरीब परिवारों के लिए सोलर प्लांट लगाने की सब्सिडी भी प्रदान करेगी।

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